Poem
ख्वाबो की बात करना छोड़ दो, बेवजह कोशिश करना छोड़ दो ,
इस दुनिया की हकीकत है सच्चाई और हादसो से भरी हुई,
एक ही तो दिल है, इस एक बार दिल लगाना छोड़ दो,
और दिल की बातें दिल में दफ़नाना छोड़ दो,
खुद पर हो विश्वास, तो कोई भी जंग जीत जाओगे
पर हर इंसान पे विश्वास करना छोड़ दो।
इंसानियत को कभी मरने मत देना, इसलिए हर किसी के प्रति नफ़रत रखना छोड़ दो।
पर ऐसे फरिश्ता बने रहने का दिखावा करना भी छोड़ दो।
एक बात समझ लो कि, माता पिता से बढ़कर कोई खुदा नहीं, अब मंदिर, मसजिद या पत्थरों में भगवान को ढूँढ ना छोड़ दो।
कैसे बेफिक्र हो कर खुशी खुशी बचपन जीते थे, वैसे ही अब हर पल को फिक्र के धुए में उड़ाना छोड़ दो।
पुरानी बातों के बस्ते में यादों की किताब ढूंढना छोड़ दो, अपनों के दिए हुए घाव को ढूँढना छोड़ दो, किसी के होने या ना होने से कुछ नहीं होगा, जिंदगी यूं ही चलती रहेगी, इसलिए टूटे हुए रिश्तों में लगाव और अपनापन ढूँढना छोड़ दो।
ये जिंदगी एक जंग है, जिसे जीत के तुम्हें जाना है, इसलिए हर बात पर हार मानना छोड़ दो।
कोशिश करो, पर अपने जीवन को बेहतर बनाने की, पर यूं अपनी ख़ुशी के लिए दूसरों का दिल दुखाना छोड़ दो। हर वो शख्स जो तुम्हारे साथ हसता खेलता हो, वो तुम्हारा चाहने वाला हो, ऐसा मानना छोड़ दो।
जमाना बदल रहा है, तो अपने अंदर भी बदलाव लाओ, पहले जैसा बने रहना छोड़ दो।
तो हर वो बात जो अब तक सोचते आए हो, उसे सोचना छोड़ दो ||